मुंबई मेंअवैध ऑटो और टैक्सीवालों को अलग करने के लिए ऑटो-टैक्सी के छत पर लगने वाले इंडिकेटर्स को माध्यम माना जा रहा है। इंडिकेटर्स लगने की प्रक्रिया के दौरान परिवहन विभाग और आरटीओ गाड़ी के पंजीकरण संबंधित कागजात की सघन जांच करने वाली है। कई इलाकों में अवैध ऑटो-टैक्सी चलने की शिकायतें मिलने के बाद परिवहन कार्यालय ने कार्रवाई शुरू की है।जांच में आरसी बुक, वाहन पंजीकरण के कागजात, सीएनजी प्लैट, ड्राइवर का लाइसेंस और उसके खिलाफ ट्रैफिक उल्लंघन के मामलों का हवाला लिया जाएगा।
आरटीओ के सूत्रों के अनुसार शेयर ऑटो में चलने वाले तकरीबन 20 प्रतिशत वाहन अवैध हैं। रिक्शा यूनियनों का भी मानना है कि शहर में कई अवैध ऑटो चलते हैं। यूनियनों ने ट्रांसपोर्ट विभाग को इस तरह के इंडिकेटर्स मुफ्त में देने का अनुरोध किया है। टैक्सी वाले 500 रुपये से ज्यादा खर्च करने के लिए तैयार नहीं है, तो इंडिकेटर्स बनाने वाली कंपनियां दाम कम नहीं कर रही हैं।